Champa Khilee Dar

Majrooh Sultanpuri

चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार
मिलान ऋतू आयी सजनिया
बगियन में कोयली पूछे ये हमसे
कब आयी हें तोहरे दिल की जनिया
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार
मिलान ऋतू आयी सजनिया हो हो हो
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार

न जाने कौन दिन आएगी तू
न जाने कब हमार
बीतेंगे दिन इंतज़ार के
जब जाए मेरे आगे से कोई
गोरी कि ये सिंगार
रेहजाउ में थो निहार के
अखियाँ में चमक जाये बिंदिया टोरी
धड़कन में बाजे रे पैंजनियां
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार
मिलान ऋतू आयी सजनिया हो हो हो
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार

जिसदम चले बसंती हवा तो
हो जाऊ बेक़रार
लेकर में बाइयाँ खुली खुली
फुलवा की दार ऐसी लगे के
दुल्हन बानी हमार
डोले तू जैसे मेरी गली
आजारे कहाँ तक सपना देखूं
बीती जाए अपनी थो जवनियाँ
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार
मिलान ऋतू आयी सजनिया हो हो हो
चंपा खिली दार पलक झुलै प्यार

Curiosidades sobre a música Champa Khilee Dar de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Champa Khilee Dar” de Mohammed Rafi?
A música “Champa Khilee Dar” de Mohammed Rafi foi composta por Majrooh Sultanpuri.

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