Bina Tumhare Maza Kya Hain
बिना तुम्हारे मज़ा
क्या है ऐसे जीने में
बिना तुम्हारे मज़ा
क्या है ऐसे जीने में
विरह की आग लगी है
भड़कते सिने में
बिना तुम्हारे मज़ा
क्या है ऐसे जीने में
बिना तुम्हारे हमे
चाँद ऐसा लगता है
बिना तुम्हारे हमे
चाँद ऐसा लगता है
के जैसे ज़ख़्म
के जैसे ज़ख़्म हो इस
आस्मा के सिने में
विरह की आग लगी है
भड़कते सिने में
बिना तुम्हारे मज़ा
क्या है ऐसे जीने में
यह मेरे प्यार का धोखा
नही है आए हसरत
यह मेरे प्यार का धोखा
नही है आए हसरत
हसी है उनसे
हसी है उनसे सितारो
के हर नगिने में
विरह की आग लगी है
भड़कते सिने में
बिना तुम्हारे मज़ा
क्या है ऐसे जीने में