Ae Jan-E-Baharan

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

आ आ आ आ आ
ऐ जाने बहारा जाने करम
मिट जाये सबी दुनिया के सीताम
छा जाए जहां पर हम ही हम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम
मिट जाये सबी दुनिया के सीताम
छा जाए जहां पर हम ही हम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम

हम प्यार के राही आखिर तो
अब आ ही गए एक मंजिल मे
हम प्यार के राही आखिर तो
अब आ ही गए एक मंजिल मे
जलवे तो हज़ारो देख लिया
देखा नहीं तुझसा महफिल में
आ जाए जमाना जेरे कदम
आ जाए जमाना जेरे कदम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम
मिट जाये सब दुनिया के सीताम
चा जाए जहां पर हम ही हम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम

हो जाए जो हम पर एक नजर
उस एक नज़र का क्या कहना
हो जाए जो हम पर एक नजर
उस एक नज़र का क्या कहना
जो जुल्फ की छाओ में गुजरे
उन शामो शहर का क्या कहना
हो जाए जिगर में दर्द भी कम
हो जाए जिगर में दर्द भी कम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम
मिट जाये सभी दुनिया के सीताम
छा जाए जहां पर हम ही हम
गर तेरा सहारा मिल जाए
ऐ जाने बहारा जाने करम

Curiosidades sobre a música Ae Jan-E-Baharan de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Ae Jan-E-Baharan” de Mohammed Rafi?
A música “Ae Jan-E-Baharan” de Mohammed Rafi foi composta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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