Ab Kya Misaal Doon

Majrooh Sultanpuri, Roshan

अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की
इनसान बन गई है किरण माहताब की
अब क्या मिसाल दूँ

चेहरे में घुल गया है हसीं चाँदनी का नूर
आँखों में है चमन की जवाँ रात का सुरूर
गरदन है एक झुकी हुई डाली डाली गुलाब की
अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की
अब क्या मिसाल दूँ

गेसू खुले तो शाम के दिल से धुआँ उठे
छूले कदम तो झुक के न फिर आस्माँ उठे
सौ बार झिलमिलाये शमा शमा आफ़ताब की
अब क्या मिसाल दूँ

दीवार ओ दर का रंग ये आँचल ये पैरहन
घर का मेरे चिराग़ है बूटा सा ये बदन
तसवीर हो तुम्हीं मेरे जन्नत के ख़्वाब की
अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की
इनसान बन गई है किरण माहताब की
अब क्या मिसाल दूँ

Curiosidades sobre a música Ab Kya Misaal Doon de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Ab Kya Misaal Doon” de Mohammed Rafi?
A música “Ab Kya Misaal Doon” de Mohammed Rafi foi composta por Majrooh Sultanpuri, Roshan.

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