Aati Hai Mere Samne
आती है मेरे सामने आँचल को तानकर
देती है मुझको शरबटे दीदार जानकार
आए जी दीदार जानकार
तुम घूरते हो इस तरह क्या मुझको जानकार
आया ना करो आज से मेरे मकान पर
अजी मेरे मकान पर, अक्चा वाह
कभी हँसी, कभी झड़ाक, नरम कभी, कभी कड़क
तुझसे ये दिल गया फड़क आजा कहे धड़क धड़क
मैने कहा होश करो हटो चलो सीधी सड़क
हटो चलो सीधी सड़क
पहुँचा है क्यू मिज़ाज तेरा आसमान पर
आती है मेरे सामने आँचल को तानकर
आए जी आँचल को तानकर
मैं जो कहु क्यू है खफा
कुछ तो बता मेरी ख़ाता
कहती है तू दूर दफ़ा ये है भला कोई अदा
तूने मुझे प्यार किया इसकी तुझे दी है सज़ा
इसकी तुझे दी है सज़ा
ये जान मेरी हुस्न पे इतना ना मान कर
आती है मेरे सामने आँचल को तानकर
आए जी आँचल को तानकर
काट लिए हमने चिली
मिल ही गये गम के सिले
प्यार भरे दो दिल मिले
ख़तम हुए सारे गीले
कट ही गयी राह कड़ी
पर ना मेरे कदम हीले
निखर गया दिल का चमन
रंग भरे फूल खिले
अब तो ना सताएगी मुझको जान जान कर
आती है मेरे सामने आँचल को टानकर
आए जी आँचल को टानकर
मुझको कभी ना भूलेगा तू ये ज़बान कर
आया करेगा रोज ही मेरे मकान पर
अजी मेरे मकान पर
अरे वाह वाह