Aaj Hoga Wohi Tum Samajh Lo Sahi Meri Bhakti Se Bhagwan Ulajhna Nahi

Bharat Vyas

आज होगा वही तुम समझ लो सही
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं
जो लगाते तुम्हे भोग बिन भाव से
ऐसे भक्तों में हमको समझना नहीं
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं

शाक देखा विधुर का तो ललचा गए
बेर झूठे भी सबरी के तुम खा गया
शाक देखा विधुर का तो ललचा गए
बेर झूठे भी सबरी के तुम खा गया
भोग सबके चखे बाटे सबकी राखी
मेरी बारी जो आयी तो शरमा गए
मेरी आँखे है सुरत की प्यासी इन्हे
तेरी मूरत से आता बहलना नहीं
तेरी मूरत से आता बहलना नहीं
आज होगा वही तुम समझ लो सही
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं

तुम छुपे हो अरे बनके यूँ बेरहम
ऐसे ज़िद में नहीं हम भी उतरेंगे कम
तुम छुपे हो अरे बनके यूँ बेरहम
ऐसे ज़िद में नहीं हम भी उअतरेंगे कम
अब तो बाज़ी लगी भक्त भगवान की
देखना आज रहता है किसका अहम्

अब न खायेंगे तुमको खिलाये बिना
हमे आता है रास्ता बदलना नहीं
हमे आता है रास्ता बदलना नहीं
आज होगा वही तुम समझ लो सही
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं
मेरी भक्ति से भगवन उलझना नहीं

Curiosidades sobre a música Aaj Hoga Wohi Tum Samajh Lo Sahi Meri Bhakti Se Bhagwan Ulajhna Nahi de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Aaj Hoga Wohi Tum Samajh Lo Sahi Meri Bhakti Se Bhagwan Ulajhna Nahi” de Mohammed Rafi?
A música “Aaj Hoga Wohi Tum Samajh Lo Sahi Meri Bhakti Se Bhagwan Ulajhna Nahi” de Mohammed Rafi foi composta por Bharat Vyas.

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