Jin Galiyon Mein
चाँद सितारों से क्या पूछू
अब दिन मेरे फिरते है
वो तो बिचारे खुद है बिखरी
डेरे डेरे फिरते है
जिन गलियों में हुँने सुख की
सेज पाइरेट के काटी थी
जिन गलियों में हुँने सुख की
सेज पाइरेट के काटी थी
उन्न गलियो में व्याकुल हो कर
सांज सवेरे फिरते है
रूप स्वरूप की ज्योत जलना
इस नागरी में ज़ोख़्म है
रूप स्वरूप की ज्योत जलना
इस नागरी में ज़ोख़्म है
चारो कोट भबूले बन कर
घोर अंधेरे फिरते है
जिनकी शाम बदन च्चाए में
मेरा मॅन सताया था
अब तक आँखों के आयेज वो
बाल घने रे फिरते है
जिन गलियों में हुँने सुख की
सेज पाइरेट के काटी थी
इक दिन उसने नैन मिलके
शर्माके मुख मोड़ा था
इक दिन उसने नैन मिलके
शर्माके मुख मोड़ा था
तब से सुंदर सुंदर सपने
मॅन को घेरे फिरते हैं
इश्स नागरी की बाग और बन की
यारो लीला न्यारी हैं
पांच्ची अपने सर पे भा कर
अपने बसेरे फिरते हैं
जिन गलियों में हुँने सुख की
सेज पाइरेट के काटी थी
उन्न गलियो में व्याकुल हो कर
सांज सवेरे फिरते है
सांज सवेरे फिरते है
सांज सवेरे फिरते है