Ummeed Ki Jholi Mein Kyon Bhar Diye
मेरे खेवनहार
क्यों मोहे छोड़ चले मजधार
मेरे खेवनहार
उम्मीद की झोली में
क्यों भर दिये अंगारे
भला क्यों भर दिये
उम्मीद की झोली में
क्यों भर दिये अंगारे
भला क्यों भर दिये
मुँह मोड़ के दुनिया से
ठुकरा के ज़माने को
आये थे मुहब्बत
की तकदीर बनाने को
उम्मीद की झोली में
क्यों भर दिये अंगारे
भला क्यों भर दिये
मजबूर थे पहले ही
नाशाद थे पहले ही
तेरी ही कसम हमतो
बरबाद थे पहले ही
उम्मीद की झोली में
क्यों भर दिये अंगारे
भला क्यों भर दिये
मर मर के जिए अब तक
हम तेरे सहारे पर
मालूम न था कश्ती
डूबेगी किनारे पर
उम्मीद की झोली में
क्यों भर दिये अंगारे
भला क्यों भर दिये
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ