Raat Ki Mehfil Suni Suni [Revival]

Shakeel Badayuni

रात की महफ़िल सूनी सूनी
आँखे पुरनम दिल नाकाम
सहमे सहमे अरमानो का
होना ही था यह अंजाम
ओ रात की महफ़िल सूनी सूनी

भूल गए थे अपनी हस्ती
इश्क़ वफ़ा के जोश में हम
सब कुछ खोकर बेबस होकर
अब्ब आये हैं होश में हम
प्यासे रह गए दिल के अरमान
छूटा साक़ी टुटा जाम
होना ही था यह अंजाम
ओ रात की महफ़िल सूनी सूनी

सर को जहा तकराये जाके
ऐसी कोई दीवार नहीं
हाय रे किस्मत हम दुनिया में
प्यार के भी हकदार नहीं
दिल होता जो अपने बस में
लेते ना हम प्यार का नाम
होना ही था यह अंजाम
ओ रात की महफ़िल सूनी सूनी
आँखे पुरनम दिल नाकाम
सहमे सहमे अरमानो का
होना ही था यह अंजाम ओ ओ

Curiosidades sobre a música Raat Ki Mehfil Suni Suni [Revival] de Lata Mangeshkar

De quem é a composição da música “Raat Ki Mehfil Suni Suni [Revival]” de Lata Mangeshkar?
A música “Raat Ki Mehfil Suni Suni [Revival]” de Lata Mangeshkar foi composta por Shakeel Badayuni.

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