Panghat Pe Najariya Lad Gayi
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
मैने सखी री एक सपना देखा
चॉक पड़ी कल रात को
मैने सखी री एक सपना देखा
चॉक पड़ी कल रात को
दिलवर मेरा नदी किनारे आया मुलाकात को
आया मुलाकात को
दिल धड़का मेरा मई दर गयी
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
लहक़ बनी री ख़ुसी यार जवानी
लहक़ बनी री ख़ुसी यार जवानी
फिर भी ठोकर खाए रे
हाए जवानी फिर भी ठोकर खाए रे
सबके दिल पर तीर चलाए
सबके दिल पर तीर चलाए
कुछ घायल हो जाए रे
कुछ घायल हो जाए रे
बदनाम जवानी कर गयी रे मई मार गयी
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
यार मेरा नादान सखी कची तोड़े बेरिया
यार मेरा नादान सखी कची तोड़े बेरिया
दिल माँगे वो हमसे खिलके मीठी दो गंदरिया
मीठी दो गंदरिया मीठी दो गंदरिया
बेदर्द के पाले पद गयी मई मार गयी
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे
हो हो लड़ गयी लड़ गयी लड़ गयी
लड़ गयी लड़ गयी
पनघट पे नज़रिया लड़ गयी रे.