Na Pucho Pyar Ki, Humne Jo Haqiqat Dekhi
ना पूछो प्यार की हुँने जो हक़ीक़त देखी
वफ़ा के नाम पे बिकते हुए उलफत देखी
किसी ने लूट लिया और हमे खबर ना हुई
खुली जो आँख तो बर्बाद मोहब्बत देखी
सब कुछ लूटा के होश मे आए तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश मे आए तो क्या किया
दिन मे अगर चराग़ जलाए तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश मे आए तो क्या किया
मैं वो कली हू जो ना बहारो मे खिल सकी
मैं वो कली हू जो ना बहारो मे खिल सकी
वो दिल हू जिसको प्यार की मंज़िल ना मिल सकी
मंज़िल ना मिल सकी मंज़िल ना मिल सकी
पत्थर पे हुँने फूल चढ़ाए तो क्या किया
दिन मे अगर चराग़ जलाए तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश मे आए तो क्या किया
जो मिल ना सका प्यार गम की शाम तो मिले
जो मिल ना सका प्यार गम की शाम तो मिले
एक बेवफा से प्यार का अंजाम तो मिले
ए मौत जल्द आ
ए मौत जल्द आ ज़रा आराम तो मिले
जो दिल से देख ना पाए तो क्या किया