Mujhe Nazar Se Utar Kar Bhi
मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे
मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे
जिसे भुला के चले हो दिल से
जिसे भुला के चले हो दिल से
वो याद आया तो क्या करोगे
तो क्या करोगे मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे
चलो ये माना बगेर मेरे
तुम्हारी रातें जवां रहेगी
चलो ये माना बैगर मेरे
तुम्हारी रातें जवां रहेगी
मगर जो भूले से मेरे
ख्वाबो ने आ जगाया
तो क्या करोगे तो क्या करोगे
मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे
तुम्हारी महफ़िल में रोज़ होगी
नयी कहानी नया फ़साना
तुम्हारी महफ़िल में रोज़ होगी
नयी कहानी नया फ़साना
जो बातो बातों में नाम मेरा
ज़ुबां पे आया तो क्या करोगे
तो क्या करोगे मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे
जिसे भुला के चले हो दिल से
जिसे भुला के चले हो दिल से
वो याद आया तो क्या करोगे
तो क्या करोगे मुझे नज़र से उतार कर भी
ना चैन पाया तो क्या करोगे