Khile Kamal Si Kaya

Madan Mohan, Not Found

खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया
आ बूँद गिरे तो बूँद ना टूटे
बूँद गिरे तो बूँद ना टूटे
खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया

तन है मधुबन सा, चमके दर्पण सा
बूँद बदन पे रुकने ना पाए
चली बालों से ढली गालों पे
होठों को छूके बढ़ती ही जाए
चली हा चली
मन पे किसी के अंग का तेरे रंग चढ़े तो
रंग ना छूटे
खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया

रूप के रस में बूँद नहाई आ हा हा हा हा
रूप के रस में बूँद नहाई
बाहों से लिपटी पाँव पे आई
गौरी के चरनो में आन समाई
जल की बूँद के भाग अनूठे
खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया

अमृत रस की गागर है तू आ आ आ आ
अमृत रस की गागर है तू
सुंदरता का सागर है तू
सदा रहें तू पिया को प्यारी
एक पल तुझसे पिया ना रूठे
खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया
आ बूँद गिरे तो बूँद ना टूटे
बूँद गिरे तो बूँद ना टूटे
खिले कमल सी काया तेरी खिले कमल सी काया

Curiosidades sobre a música Khile Kamal Si Kaya de Lata Mangeshkar

De quem é a composição da música “Khile Kamal Si Kaya” de Lata Mangeshkar?
A música “Khile Kamal Si Kaya” de Lata Mangeshkar foi composta por Madan Mohan, Not Found.

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