Hansi Hansi Na Rahi Aur Kushi Kushi Na Rahi
हंसी हंसी ना रही और खुशी खुशी ना रही
मैं जिंदगी जिसे समझू वो जिंदगी ना राही
जीयू तो किसके लिए
जीयू तो किसके लिए और मरू तो किसके लिए
मरू तो किसके लिए
जो एक आस बन्धी थी वो आस ही ना रही
हंसी हंसी ना रही और खुशी खुशी ना रही
कुछ आ के गम के अंधे ने ऐसा घेर लिया
कुछ आ के गम के अंधे ने ऐसा घेर लिया
चिराग जलते रहे और रोशनी न रही
हंसी हंसी ना रही और खुशी खुशी ना रही
अंधेरी रात है
अंधेरी रात है अब और बुझा सा दिल का दिया
बुझा सा दिल का दिया
जो चार दिन के लिए थी वो चांदनी ना राही
हंसी हंसी ना रही और खुशी खुशी ना रही