Deepak Mere Suhaag Ka
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
कभी चाँद कभी सूरज
चाँद सूरज बनके निकलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
ये मेरे सांसो के दीपो की माला
ये मेरे सांसो के दीपो की माला
ये मन के मंदिर की ज्योति की ज्वाला
इस दीप का है मेरा राम रखवाला
इस दीप का है मेरा राम रखवाला
ये मेरी मंशा मचलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
दुख पाउ पर सुख ना पाउ मैं अकेली
दुख पाउ पर सुख ना पाउ मैं अकेली
स्वर्ग भी मिले तो ना जाऊ मैं अकेली
एक कदम भी ना उठाऊ मैं अकेली
साथी मेरा साथ चलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे
आ आ आ आ
छलके कभी ना मेरे मन की गगरिया
सरके कभी ना मेरे सर से चुनरिया
छलके कभी ना मेरे मन की गगरिया
सरके कभी ना मेरे सर से चुनरिया
बदले कभी ना सजन की नज़रिया (बदले कभी ना सजन की नज़रिया)
बदले ज़माना बदलता रहे (बदले ज़माना बदलता रहे)
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे (दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे)
कभी चाँद कभी सूरज
चाँद सूरज बनके निकलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे (दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे)
दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे (दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे, जलता रहे)