Chup Chup Hone Laga Kuchh
फिल्म बारादरी का इक और गीत भी चला था उस साल
वो गीत जो आज भी आपकी यादों का दामन खींच के कहता हे
भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना
जमाना ख़राब हे दगा नहीं देना
अब आप सोच रहे होंगे की हम गीत माला हिट पर १९५५ के
दौर में तो उत्तर पड़े
लेकिन अमीन भाई ने अब तक वो पैदानो के नंबर बताने क्यों शुरू नहीं किये
तो भाइयो और बहनो १९५५ और ५६ के साल के आखिर में होने वाले
गीत माला वार्षिक कार्यक्रम में सिर्फ १६ १६ गीत बजाये थे
साल के हिट गानो के वार्षिक प्रोग्रम में
३२ गीत पेश करना तो हमने १९५७ में शुरू किया था
इसलिए तो में १९५५ के १६ हिट गीत शुरू करने से पहले
कुछ runner up गीत भी पेश क्र रहा हूँ
कुछ बेशमृ गीत जिन्होंने उन दिनों तो धूम मचाई ही थी
मगर अब भी जब कभी सुनाई पड़ते हे न हंगामा मचा देते हे
चुप चुप चुप होने लगा कुछ
क्यूँ दिल धक धक धड़के
चुप चुप चुप होने लगा कुछ
क्यूँ दिल धक धक धड़के
च्छूप च्छूप च्छूप
आ गयी कैसी मॅन मे मोरे भड़के
चुप चुप चुप होने लगा कुछ
क्यूँ दिल धक धक धड़के
च्छूप च्छूप च्छूप
आ गयी कैसी मॅन मे मोरे भड़के
च्छूप च्छूप च्छूप
कोई मेरे सपनो मे
आके मीठी बोली बोले
कोई मेरे सपनो मे
आके मीठी बोली बोले
सपना टूटे वो दिल मेरे
रह रह के फिर बोले
सपना टूटे वो दिल मेरे
रह रह के फिर बोले
मई ना जानों दिल ना जाने
मई ना जानों दिल ना जाने
आँख मेरी क्यू फड़के
क्यूँ दिल धक धक धड़के
चुप चुप चुप होने लगा कुच्छ
क्यूँ दिल धक धक धड़के
च्छूप च्छूप च्छूप
आ गयी कैसी मॅन मे मोरी भड़के
च्छूप च्छूप च्छूप
मॅन ही मॅन मे होली खेले
क्यूँ मेरी आशाए
मॅन ही मॅन मे होली खेले
क्यूँ मेरी आशाए
आते जाते मुझके च्छेदे
ठंडी मस्त हवाए
आते जाते मुझके च्छेदे
ठंडी मस्त हवाए
दिल ये समझे आ गया कोई
दिल ये समझे आ गया कोई
पत्ता भी जब खाड़के
क्यूँ दिल धक धक धड़के
चुप चुप चुप होने लगा कुछ
क्यूँ दिल धक धक धड़के
चुप चुप चुप