Bahut Din Beete [Revival]
भोर भये नीत सूरज ऊगे सांझ पड़े ढल जाये
ऐसे ही मेरी आस बंधे और बंध बंधकर मिट जाये
खबर मोरी ना लिनी रे खबर मोरी ना लिनी रे
बहुत दिन बीते बीते रे
बहुत दिन बीते खबर मोरी ना लिनी रे
बहुत दिन बीते बीते रे बहुत दिन बीते
गोकुल की ये
गोकुल की ये गलियाँ रोये मधुबन की ये कलियाँ रोये
जमुना रोये राधा रोये रसवन्ती रंग रलियाँ रोये
मोरे श्याम हाय रोये रोये मेरे दो नैना भये रीते
बहुत दिन बीते बीते रे
बहुत दिन बीते बीते रे
बहुत दिन बीते
सपने में तो दरस दिखा दे कुछ धीरज बंध जाये
कुछ धीरज बंध जाये
सपना भी तो किस बीध आये जब निंदिया नहीं आये
जब निंदिया नहीं आये
मोरे श्याम तेरी याद याद में जुग हारे पल जीते
बहुत दिन बीते खबर मोरी ना लिनी रे
बहुत दिन बीते बीते रे
बहुत दिन बीते