Badra Chhaye Re Kare Kare
ओ मितवा
मितवा
बदरा छाये रे कारे कारे कजरारे
मितवा ओ मितवा अंग लग जा ओ मितवा
आई मिलन की रुत मतवाली
आई मिलन की रुत मतवाली
झूमउठी है बगिया सारी
फुलवा महके दारी दारी
भीगी भीगी चले पुरवा रे
आ आ मितवा अंग लग जा रे मितवा
मितवा अंग लग जा ओ मितवा
ये सावन मन भावन
संग लाया है प्रेम बदरिया
रंग डालो रंग डालो सपनो को
चुपके से मिलाके नजरिया
बात यही
बस बात यही
शर्मीली कली से कानो में भी कहे भँवरा रे
आ आ मितवा अंग लग जा रे मितवा
मितवा अंग लग जा
बदरा छाये रे कारे कारे कजरारे
ओ मितवा अंग लग जा रे ह्म्म्म ह्म्म्म ह्म्म्म