Aram Ke The Sathi
भरोसा कर ना दौलत पर
ना सूरत पर ना चाहत पर
ये दुनिया है सदा
रहती नही जो एक हालत पर
आराम के थे साथी क्या
क्या जब वक़्त पड़ा तो कोई नही
सब दोस्त है अपने मतलब के
दुनिया में किसी का कोई नही
दुनिया में किसी का कोई नही
कल चलते थे जो इशारो पर
कल चलते थे जो इशारो पर
अब मिलती नही है उनकी नज़र
अब मिलती नही है उनकी नज़र
या चाहनेवाले लाखो
थे या पुचचनेवाला कोई नही
आराम के थे साथी क्या
क्या जब वक़्त पड़ा तो कोई नही
जब वक़्त पड़ा तो कोई नही
जैसा की है मुझ पर वक़्त पड़ा
जैसा की है मुझ पर वक़्त पड़ा
ऐसा ना कोई बेबस होगा
ऐसा ना कोई बेबस होगा
जीने को सहारा कोई नही
मरने को बहाना कोई नही
आराम के थे साथी क्या
क्या जब वक़्त पड़ा तो कोई नही
जब वक़्त पड़ा तो कोई नही