Ahd-E-Gham Mein Bhi Muskurata Hai
आ आ आ अहड़-ए-गम में अहड़-ए-गम में भी मुस्कुराते हैं
अहड़-ए-गम में भी मुस्कुराते हैं
आँसुओ की दिए जलते हैं
अहड़-ए-गम में
अपने दामन से किसलिए ए दोस्त
अपने दामन से किसलिए ए दोस्त
शमी हस्ती मेरी बुझते हैं
अहड़-ए-गम में भी मुस्कुराते हैं
अहड़-ए-गम में
उनके दर पे जबी का टकराकर
उनके दर पे जबी का टकराकर
अपनी तकदीर को बनाते हैं
अहड़-ए-गम में भी मुस्कुराते हैं
आँसुओ की दिए जलाते हैं
अहड़-ए-गम में