Ae Sakhi Radhike Bawri Ho Gai

ANANDSHI BAKSHI, R D Burman

यह साखी राधिके
बावरी हो गयी
यह साखी राधिके
बावरी हो गयी
शाम को ढूंढते
आप ही खो गयी हैं
यह साखी राधिके
बावरी हो गयी

यह साखी राधिके
बावरी हो गयी
शाम को ढूंढते
आप ही खो गयी हैं
यह साखी राधिके
बावरी हो गयी

गली गली में गोकुल की
यह नाम पुकारे
शाम पुकारे
गली गली में गोकुल की
यह नाम पुकारे
बैठी रहु जमुना किनारे
कभी मेरे कभी
तेरे घर को गयी
शाम को ढूंढते
आप ही खो गयी हैं
यह साखी राधिके
बावरी हो गयी

गली गली में गोकुल की
यह नाम पुकारे
बैठी है जमुना किनारे
गली गली में गोकुल की
यह नाम पुकारे
बैठी है जमुना किनारे
कभी मेरे कभी
तेरे घर को गयी
शाम को ढूंढते
आप ही खो गयी हैं
यह साखी राधिके
बावरी हो गयी

कभी यह कहीं मिल
भी गया मोहन प्यारा
बंसी बजी पी ने पुकारा
बंसी में ऐसे
खोयी वह सो गयी
शाम को ढूंढते
आप ही खो गयी हैं
यह सखि राधिके बावरी हो गयी
यह सखि राधिके बावरी हो गयी

Curiosidades sobre a música Ae Sakhi Radhike Bawri Ho Gai de Lata Mangeshkar

De quem é a composição da música “Ae Sakhi Radhike Bawri Ho Gai” de Lata Mangeshkar?
A música “Ae Sakhi Radhike Bawri Ho Gai” de Lata Mangeshkar foi composta por ANANDSHI BAKSHI, R D Burman.

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