Aao Mere Ghar Aao
आओ मेरे घर आओ
मैं मंदिर के वासी आओ
मेरे घर आओ
मैं मंदिर के वासी
तेरे दर्शन को तरसे
तेरे चरनन की दासी
आओ मेरे घर आओ
मैं मंदिर के वासी
आओ
तुम तो लाडे अन्यायी
दुश्मन से
यहाँ लड़ी मैं अकेली
अपने अकेले पन से
अपने अकेले पन से
एक और मैं दुल्हन
एक और मैं दुल्हन
दूजी और उदासी
तेरे चरनन की दासी आओ
मेरे घर आओ
मन मंदिर के वासी आओ
तेरी रंगभूमि में
चमकी थी तलवार
यहाँ बिजुरिया चमकी
बरसी यहाँ फुहारे
बरसी यहाँ फुहारे
जल से भरी मेरी अंखिया
जल से भरी मेरी अंखिया
फिर भी रह गयी प्यासी
तेरे चरनन की दासी
आओ मेरे घर आओ
मन मंदिर के वासी
आओ