Aaj To Meri Hansi Udai

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा

लुटे यहाँ चमन अंधेरो में
बिके यहाँ बदन अंधेरो में
लुटे यहाँ चमन अंधेरो में
बिके यहाँ बदन अंधेरो में
भूली भटकी इस बस्ती में हो हो
रूप की चाँदी लाज़ है सोने का जो
व्योपार है सारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा

सोचा कभी मै हु एक इंसा भी
में ही कभी बहन माँ भी
सोचा कभी मै हु एक इंसा भी
में ही कभी बहन माँ भी
तुम तो प्यासी प्यासी आँखे लेके
हो करने को आये मेरे लबों पे
मेरे लहू का नजारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा

सबको गुनाहो में मगन देखा
देखा शरीफो का चलन देखा
सबको गुनाहो में मगन देखा
देखा शरीफो का चलन देखा
सबकी इनायत हाय देखि मैने हो
मेरे ही दिल के टुकड़े को
मेरा आशिक़ कह के पुकारा
कल जो मुझे इन गलियों में लाया
वो भी था हाथ तुम्हारा
आज तो मेरी हसी उड़ाई
जैसे भी चाहे पुकारा

Curiosidades sobre a música Aaj To Meri Hansi Udai de Lata Mangeshkar

De quem é a composição da música “Aaj To Meri Hansi Udai” de Lata Mangeshkar?
A música “Aaj To Meri Hansi Udai” de Lata Mangeshkar foi composta por Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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