Raatein Hain Iqrar Ki
रातें हैं इक़रार की
दिन हैं प्यार के
रातें हैं इक़रार की
दिन हैं प्यार के
तुम क्या आए
आगाय दिन बाहर के
रातें हैं इक़रार की
दिन हैं प्यार के
मुझ से कहती थी मेरे
मुझ से कहती थी मेरे
दिल की बेखुदी
तेरे मेरे प्यार की
रुत भी प्यार की
सपने सच हो
गये दिल बेकरर्के
तुम क्या आए
आगाय दिन बाहर के
आहें भर ते थे हम
आहें भर ते थे हम
तेरी याद में
हरपाल मरते थे हम
तेरी याद में
कैसे बीते हैं वो पल इंतज़ार के
तुम क्या आए आगाय दिन बाहर के
हर नज़र यह ज़िंदगी
हर नज़र यह ज़िंदगी
मेरे यार की
हर आडया हैं आशिक़ी
उस प्यार की
उसके ही साथ हैं मेरी
पल खुमार के
तुम क्या आए आगाय दिन बाहर के