Zindagi Kya Hai Ik Lateefa Hai

Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

सोम मंगल बुद्ध वीर शुक्र शनी इतवार सात
दिनों में हसना चाहिए कम से कम सात सौ बार

अच्छा दादा

हा तो बच्चो
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
जीने का बस यही तरीका है
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
जीने का यही बस तरीका हैं
बोलो बोलो तो लो एक लतीफा सुनो
हा एक बहरा एक अंधा एक लंगड़ा और एक भिकारी
जंगल में जा रहे थे चलते चलते बहरे ने कहा
अरे दोस्तों रुक जाओ ज़रा मुझे चोरो के
आने की आवाज सुनाई दे रही हैं
तो अंधे ने कहा अरे मूरख तुझे आवाज सुनाई दे रही हैं
मुझे तो मुझे तो चोर दिखाई दे रहे हैं
तो लँगड़ा बोला चलो चलो भाग चलते है
तो भिखारी बोला अरे जल्दी करो नहीं तो मैं लुट जाउंगा

हा हा हा हा हा हा हा
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं (हा)
जीने का बस यही तरीका है

डुग डूगी बाजे डम डम डम डम
नाच बन्दरिया छम छम छम छम

ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
जीने का यहीं बस तरीका है
बोलो बोलो तो लो एक लतीफा सुनो आ

एक मिया बीबी आठवीं मंज़िल पे रहते थे
मिया दफ्तर जाने के लिए घर से निकला
नीचे सड़क पर आके उसे याद आया
अरे मेरा बटुआ तो ऊपर रह गया
उसने नीचे से आवाज लगाई बेगम अरी बेगम
मेरा बटुआ निचे फेकिये, बेगम ने कहा
क्या कहा जोर से बोलिए हुजूर
मुझे खुछ सुनाई नहीं दे रहा
मिया के गले में दूरबीन लटकी थी उसे दूर की सूझी
उसने फ़ौरन दूरबीन आँखो पे लगायी और अपनी बेगम
का नूरानी चेहरा अपने चेहरे के बिल्कुल पास ला कर कहा
बेगम मेरा बटुआ निचे फेख दीजिये

हा हा हा हा हा हा
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं ( हा हा)
जीने का बस यही तरीका हैं

ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
हा ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं
जीने का यही बस तरीका हैं
बोलो बोलो तो लो एक लतीफा सुना हा

एक आदमी हलवाई की दुकान पर गया उसने रूपया फैका
और कहा ओये मुण्डिया एक ताजि और मीठी लस्सी बना
दुकानदार ने कहा अभी लो बादशाह, लस्सी पीते ही उस
आदमी को गुस्सा आ गया उसने दुकानदार से कहा
तुम बासि और खट्टी लस्सी पिला कर ग्राहको को लूटते हो
लाओ लाओ मेरे पैसे वापस करो दुकानदार ने कहा, हुज़ूर गुस्ताखी माफ़
पैसे लेना मेरा काम हैं पैसे देना मेरा काम नहीं मै तो नौकर हू
उस आदमी ने पूछा कहा है कहा है दुकान का मालिक नौकर ने कहा
हुज़ूर वो पास वाली दुकान में लस्सी पिने गया हैं

हा हा हा हा हा हा
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं (ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं हा हा)
ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं (ज़िन्दगी क्या हैं इक लतीफ़ा हैं)
जीने का यही बस तरीका हैं (जीने का यही बस तरीका हैं)

Curiosidades sobre a música Zindagi Kya Hai Ik Lateefa Hai de Kishore Kumar

De quem é a composição da música “Zindagi Kya Hai Ik Lateefa Hai” de Kishore Kumar?
A música “Zindagi Kya Hai Ik Lateefa Hai” de Kishore Kumar foi composta por Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA.

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