Raat Kali Ek Khwab Men Aai [Lofi]
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम ही से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं, हो सके तुम ही बता दो
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं, हो सके तुम ही बता दो
तुम ने कदम तो रखा ज़मीं पर, सीने में क्यों झंकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
साँवली सूरत, मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कली एक ख़्वाब में आई, और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम्हीं से चार हुई
रात कली एक ख़्वाब में आई, और गले का हार हुई