Pag Ghunghroo Baandh [Jhankar Beats 1]
हे हे हम्म हम्म हे हे हम्म हम्म
हम्मममम
हे हे
बुजुर्गों ने
बुजुर्गों ने फ़रमाया की पैरों पे
अपने खड़े होके दिखलाओ
फिर ये ज़माना तुम्हारा है
ज़माने के सुर ताल के साथ चलते चले जाओ
फिर हर तराना तुम्हारा, फ़साना तुम्हारा है
अरे तो लो भैया हम
अपने पैरों के ऊपर खड़े हो गए
और मिला ली है ताल
दबा लेगा दाँतों तले उँगलियाँ-लियां
ये जहां देखकर, देखकर अपनी चाल
वाह वाह वाह वाह
धन्यवाद
हम्म
के पग घुंघरू
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
और हम नाचे बिन घुंघरू के
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
वो तीर भला किस काम का है
जो तीर निशाने से चूके-चूके-चूके रे
के पग घुंघरू
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
नाची थी नाची थी नाची थी हाँ
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
सा सा सा ग ग रे रे सा नि नि नि सा सा सा
सा सा सा ग ग रे रे सा नि नि नि सा सा सा
सा सा सा ग ग रे रे सा नि नि नि सा सा सा
ग ग ग प प म म ग रे रे रे ग ग ग
ग ग ग प प म म ग रे रे रे ग ग ग
प नि सा प नि सा प नि सा म प नि म प नि
म प नि म प नि
रे रे रे रे रे रे रे रे रे ग रे ग रे ग रे ग रे ग
प प प प प म ग रे नि सा नि ध प
सा नि सा ध सा नि सा ध सा नि सा ध सा नि सा ध
प म प म ग म ग रे ग रे सा ग सा नि
सा ग सा ग रे ग रे ग रे म ग म ग म
प म प म प म ग रे सा नि ध प सा
प म ग रे सा नि ध प सा
प म ग रे सा नि ध प सा
हम्म आप अन्दर से कुछ और
बाहर से कुछ और नज़र आते हैं
बाखुदा शक्ल से तो चोर नज़र आते हैं
उम्र गुज़री है सारी चोरी में
सारे सुख-चैन बंद जुर्म की तिजोरी में
आपका तो लगता है बस यही सपना
राम-राम जपना, पराया माल अपना
आपका तो लगता है बस यही सपना
राम-राम जपना, पराया माल अपना
वतन का खाया नमक तो नमक हलाल बनो
फ़र्ज़ ईमान की जिंदा यहाँ मिसाल बनो
पराया धन, परायी नार पे नज़र मत डालो
बुरी आदत है ये, आदत अभी बदल डालो
क्योंकि ये आदत तो वो आग है जो
इक दिन अपना घर फूंके-फूंके-फूंके रे
के पग घुंघर
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
नाची थी
नाची थी
नाची थी हाँ
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
मौसम-ए-इश्क़ में मचले हुए अर्मान हैं हम
दिल को लगता है की दो जिस्म एक जान हैं हम
ऐसा लगता है तो लगने में कुछ बुराई नहीं
दिल ये कहता है आप अपनी हैं, पराई नहीं
संगेमरमर की हाय, कोई मूरत हो तुम
बड़ी दिलकश बड़ी, खूबसूरत हो तुम
दिल दिल से मिलने का कोई मुहूरत हो
प्यासे दिलों की ज़रूरत हो तुम
दिल चीरके, दिखला दूँ मैं
दिल में यही, सूरत हंसीं
क्या आप को लगता नहीं, हम हैं मिले पहले कहीं
क्या देस है, क्या जात है
क्या उम्र है, क्या नाम है
अरे छोड़िये इन बातों से
हमको भला क्या काम है
अजी सुनिये तो... हम आप मिले
तो फिर हो शुरू
अफ़साने लैला, मजनू लैला मजनू के
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
और हम नाचे बिन घुंगरू के
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
के पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी