Jahan Bhi Gaye Hum O Mere Humdam

SHAILENDRA, S D Burman

आ आ आ आ आ आ आ आ

जहाँ भी गये हम ओ मेरे हमदम
नज़ारो की कसम तुम मिले

जहाँ भी मिले हम ओ मेरे हमदम
बहारो की कसम गुल खिले

जहाँ भी गये हम ओ मेरे हमदम
नज़ारो की कसम तुम मिले

मतवाला दिल मेरा, कहे हम यही पे रह जाएँगे
इन तारो के सहारे, इसी आसमान पे लहराएँगे
मतवाला दिल मेरा, कहे हम यही पे रह जाएँगे
इन तारो के सहारे, इसी आसमान पे लहराएँगे
जहाँ भी गये हम ओ मेरे हमदम
नज़ारो की कसम तुम मिले(ओ ओ)
जहाँ भी मिले हम ओ मेरे हमदम
बहारो की कसम गुल खिले

आ आ आ आ आ आ आ आ
तुम हमारे हम तुम्हारे
यह लूका छुपी है फिर किस लिए
प्यार खोटा या खरा है
में आजमा रही थी इसलिए
तुम हमारे हम तुम्हारे
यह लूका छुपी है फिर किस लिए
प्यार खोटा या खरा है
में आजमा रही थी इसलिए
जहाँ भी मिले हम ओ मेरे हमदम
बहारो की कसम गुल खिले(आ ओ)
जहाँ भी गये हम ओ मेरे हमदम
नज़ारो की कसम तुम मिले

Curiosidades sobre a música Jahan Bhi Gaye Hum O Mere Humdam de Kishore Kumar

De quem é a composição da música “Jahan Bhi Gaye Hum O Mere Humdam” de Kishore Kumar?
A música “Jahan Bhi Gaye Hum O Mere Humdam” de Kishore Kumar foi composta por SHAILENDRA, S D Burman.

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