Chala Jata Hoon [1 Minute Nostalgia]
Majrooh Sultanpuri, R.D. BURMAN
ये मस्ती के नज़ारें हैं तो ऐसे में
संभलना कैसा मेरी क़सम
तू लहराती डगरिया हो तो फिर क्यूँ ना
चलूँ मैं बहका बहका रे
मेरे जीवन में ये शाम आई है
महोब्बत वाले ज़माने लिये
हो चला जाता हूँ किसी की धुन में
धड़कते दिल के तराने लिये