Parwana Hun [Alternative Version]
नक्शों की लकीरें जाल बन गयीं
फ़िज़ाओं में सच्चाई हवा से थम गयी
शमा की रोशनी कितनों को निभाए गी
कुछ को दिखाए गी, कुछ को जलाए गी
परवाना हूँ उस नूर का
इस जाल के आगे है इल्म का दरवाज़ा
परवाना हूँ उस नूर का
इस जाल के आगे
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
आँखे नम हुई हैं मंज़िल की तलाश में
पाओं तले ज़ंजीरे बढ़ने ना दें मुझे
शमा की रोशनी कितनों को निभाए गी
कुछ को दिखाए गी, कुछ को जलाए गी
परवाना हूँ उस नूर का
इस जाल के आगे है इल्म का दरवाज़ा
परवाना हूँ उस नूर का
इस जाल के आगे
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
सच की तलाश में सभी
फिर भी हैं बेख़बर अभी
तारीकी से घिरी हुई
कब तक रहे गी ज़िंदगी
सच की तलाश में सभी
फिर भी हैं बेख़बर अभी
तारीकी से घिरी हुई
कब तक रहे गी ज़िंदगी
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो