Kahaani
जागता हूँ, दिल में ख़याल ले के तुम्हारे
ढूँढती हैं, नज़रें तुम्हे हर जगा
सोचता हूँ, जगगी संग मेरे कभी तुम
रोक लूँगा, लम्हा वहाँ
मैं मेरी मुस्कुराहट
की क्या वजा दूं
मेरी साँसों में तुम
मैं चाहत की बारिश में भीगता जा रहा हूँ
जादू है या कोई नशा
तेरी मेरी, मेरी मेरी
अजब सी सर्दियों में धूप जैसी
ख्वाबों के झरोखों से झँकति कहानीी
तेरी मेरी मेरी तेरी
महकती प्यार के दामन में सिमटती
बेपरवा हवओ में गुज़रती कहानी
रूहें बहानी, इश्क़ की ज़ुबानी, मेरी ज़िंदगानी तूने ही बनानी
खुद में ले मिला
क्या करूँ यह बता
दरियादिली ही
मुझपे हाई दिखानी
सूफ़ी हो मेरे इश्क़ की कहानी
सुन ले आए खुदा
ऐसी धुन सुना दे
मैं ऐसे गुनगुनाऊं
शाम और सुबह में
मेरी दिल की धड़कन
के तेरे सामने ही बैठ के खो गया हूँ
जादू है या कोई सज़ा
तेरी मेरी मेरी तेरी
अजब सी मन्नतों की रीत जायसी
बेपरवा फ़िज़ाओं में गूँजती कहानी
तेरी मेरी मेरी तेरी
ग़ज़ब की चाँदनी में चाँद जैसे
बादल के झरोखों से झँकति कहानी