Maa Khana Khaya Kya?
Harshdeep Kaur
हर सुबह हर मोड़ पे
उसने कहा मुझे रोक के
कहती हे वो सदा
बेटा खाना खाया क्या
मेरी माँ
माँ रिश्ते ये अनोखे जो
चाहे जितने दूर हो
कहती हे वो सदा
बेटा खाना खाया क्या
मेरी माँ मेरी माँ
माना की मुश्किल में हे ये कान
फिर भी कितना तू रखती ख्याल
आज पहली दफा में करती तुझसे सवाल
माँ तूने खाना खाया क्या
मेरी माँ मेरी माँ
मेरी माँ मेरी माँ