Mere Dil Ki Raakh
मेरे दिल की राख कुरेद मत
उसे मुस्कुरा के हवा ना दे
मेरे दिल की राख कुरेद मत
उसे मुस्कुरा के हवा ना दे
ये चराग़ फिर भी चराग़ है
कहीं तेरा हाथ जला ना दे
मेरे दिल की राख कुरेद मत
नये दौर के नये ख्वाब है
नये मौसमो के गुलाब है
नये दौर के नये ख्वाब है
नये मौसमो के गुलाब है
ये मोहब्बातों के चराग़ है
ये मोहब्बातों के चराग़ है
इन्हे नफ़रतो की हवा ना दे
मेरे दिल की राख कुरेद मत
ज़रा देख चाँद की पत्तियो ने
बिखर बिखर के तमाम शब
ज़रा देख चाँद की पत्तियो ने
बिखर बिखर के तमाम शब
तेरा नाम लिखा है रेत पर
तेरा नाम लिखा है रेत पर
कोई ल़हेर आके मिटा ना दे
मेरे दिल की राख कुरेद मत
मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से
ये दुखो के फूल चुना करू
मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से
ये दुखो के फूल चुना करू
मेरी सलतनत मेरा फन रहे
मेरी सलतनत मेरा फन रहे
मुझे ताज-ओ-तख्त खुदा ना दे
मेरे दिल की राख कुरेद मत
उसे मुस्कुरा के हवा ना दे
ये चराग़ फिर भी चराग़ है
कहीं तेरा हाथ जला ना दे