Soja Re Soja Mere Lal
सोजा रे सोजा मेरे लाल सोजा
निंदिया की नगरी में खो जा मेरे लाल सोजा
सोजा रे सोजा मेरे लाल सोजा
सोया है गगन सोया है पवन
सोया है गगन सोया है पवन
तू जिए तो जौ निर्धन के धन
सोजा
सोजा रे सोजा मेरे लाल सोजा
न कोई रेशम झुल झुलाये
न कोई पंखा डुलाये
सोजा कन्हिया तुझको तेरी मैया की
ममता सुलाये
सोजा रे सोजा मेरे लाल सोजा
तू जो सोये संग संग तेरे
सोयेंगे दुखडे हमारे
अपने दुलारे के मोहन मुखड़े
वॉर मई नाहा नख टारे
सोजा रे सोजा मेरे लाल सोजा