Koi Gori Gulabi Si Ladki
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की
कैसी सूरत है कैसी मूरत है
धड़कने बनके दिल मे जो धड़के
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की
दिलबर मिला रंग पीला हुआ
आता ग़रीबी मे गीला हुआ
बनते है जोकर राजा जी होकर
शयड कोई पेंच ढीला हुआ
दिल लेके देती है झड़की
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की
दिल मे मचलती सी क्यो सिख है
क्या प्यार करने की ये फीस है
करती है चोरी ओर सीना ज़ोरी
कैसी नज़र चार सो बीस है
जाने क्या आग भाड़े
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की
यारो के हाथ अपनी हर डोर है
दिल अपना बेचारा कमजोर है
दिल दिल तेरा दिल तू कैसा काजिल
दिल पे चला किसका कब ज़ोर है
टकराए दिल आँखे भड़की
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की
कैसी सूरत है कैसी मूरत है
धड़कने बनके दिल मे जोधाड़के
कोई गोरी गुलाब सी लड़की
मुस्कुराइ तो बिजली सी कड़की