Silsila Ye Chahat Ka [Drill Mix]
NUSRAT BADR, ISMAIL DARBAR, MOHAMMED ISMAIL HUSSAIN MIYA DARBAR
धूम ता धूम ता धूम तना न न(Farooq)
सिलसिला ये चाहत का ना मैने बुझने दिया हो हूँ
सिलसिला ये चाहत का ना मैने बुझने दिया पिया ये दिया
ना बुझा है ना बुझेगा मेरी चाहत का दिया
मेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया
हो मेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया
इस दिये के संग जल रहा है मेर रोम रोम रोम और जिया
अब आजा मेरे पिया ओ मेरे पिया
अब आजा रे मेरे पिया ओ मेरे पिया आ आ आ
Farooq(Farooq)
फ़ासला था दूरी थी ई ई ई
फ़ासला था दूरी थी था जुदाई का आलम
इन्तज़ार में नज़रें थीं और
तुम वहाँ थे तुम वहाँ थे तुम वहाँ थे
झिलमिलाती जगमगाती खुशियों में झूम कर हम्म
और यहाँ जल रहे थे हम
और यहाँ जल रहे थे हम