Sawan Mein
आग लगा के, आग लगा के
हो, आग लगा के मॅन के आँगन में
आग लगा के मॅन के आँगन में
छोड़ गयो रे बैरी, सावन में
सावन में, सावन में, सावन में
दाग लगा के मोरे दामन पे
दाग लगा के मोरे दामन पे
छोड़ गयो रे बैरी सावन में
सावन में, सावन में
सावन में, सावन में
सा नि सा सा नि सा
जो वी सी मजबूरी
कातों रखी तू दूरी
सी मेरी रातां कोडियाँ
प्यार सी किता तेनू
जान सी मनिया तेनू
मुड़के ना आवीन बेवफा
ज़िकर ते तेरे मीती पवन
जिसम है ढूनी
जले मेरी चावन, जले मेरी चावन
रख नीडे तेरे, तेरा ये फरेबी
सियाह दिल नायो चाहिदा
काली रवाँ झल्ली आखे जाग टन वी
सियाह दिल नायो चायदा
हो हूँ, तक-तक पीछे वेख ना की
सियाह दिल नायो चायदा
ओह रख नीडे तेरे, तेरा यह फरेबी
सियाह दिल नायो चायदा
आग लगा के
आग लगा के मॅन के
आग लगा के मॅन के आँगन में
छोड़ गयो रे बैरी सावन में (सा नि सा सा नि सा)
सावन में, सावन में, सावन में (सा नि सा सा नि सा)