Aarzoo Meri
आरज़ू मेरी पकड़ के
रास्ते ले चली कही
यह जुनून है या सुकून
है मैं कही नही
आरज़ू मेरी पकड़ के
रास्ते ले चली कही
सिले हुए लाबो पे एक शोर है
पुकारते ही बदन की बात ओर है
सिले हुए लाबो पे एक शोर है
पुकारते ही बदन की बात ओर है
बदन यह मेरे इकतियार में नही
आरज़ू मेरी पकड़ के
रास्ते ले चली कही
यह जुनून है या सुकून
है मैं कही नही
जुलास दो मुझको राह से गुज़र दो
के चिर के मेरा बदन उतार दो
जुलास दो मुझको राह से गुज़र दो
के चिर के मेरा बदन उतार दो
क़रार साथ तो क़रार में नही
आरज़ू मेरी पकड़ के
रास्ते ले चली कही
यह जुनून है या सुकून
है मैं कही नही