Tere Ishq Ki Inteha Chahta Hoon
Sameer
तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहल-ए-महफ़िल
कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहल-ए-महफ़िल
चराग़-ए-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी
भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी
बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ