Tum Bhi Raahi
तुम भी राही हम भी राही
तुम भी राही हम भी राही
हम तुम बस चलते चले
हम तुम बस चलते चले
तुम भी राही हम भी राही
तुम भी राही हम भी राही
हम तुम बस चलते चले
हम तुम बस चलते चले
जीतने भी हैं रास्ते
देंगे हज़ारों मुश्क़िलें
जीतने भी हैं रास्ते
देंगे हज़ारों मुश्क़िलें
अब जो भी हो अब जो भी हो
हम तुम बस चलते चले
इन रस्तो मे दूरिया मजबूरिया हैं
ज़्ब संग दर्द साए है चलते पर जो खे हारेगे
वो ग़लत हैं हारेगी इक त्बही
तुम भी राही हम भी राही
हम तुम बस चलते चले
दीवार आए तो लौट जाओ ऐसी ना भूल करना
दीवारों से टकराते रहना
दीवार आए तो लौट जाओ
ऐसी ना भूल करना
दीवारों में दरवाज़े
बन जाते हैं समझे ना
तुम भी राही हम भी राही
हम तुम बस चलते चले
हम तुम बस चलते चले
तुम दरिया हो तुम्हे कोई परबत रोक नही पाए
तुम अपनी ही मॉज़ मे बहलो
तुम दरिया हो तुम्हे कोई परबत रोक नही पाए
पानी से पतहर ब काट जाते है समझे ना
तुम भी राही हम भी राही
तुम भी राही हम भी राही
हम तुम बस चलते चले
हम तुम बस चलते चले