Aate Jaate Hanste Gaate
ABHISHEK ARORA, DEV KOHLI
आते जाते हँसते गाते
सोचा था मैं ने मन में कई बार
वो पहली नज़र हलका सा असर
करता है क्यों दिल को बेक़रार
रुक के चलना चल के रुकना
ना जाने तुम्हें है किस का इंतज़ार
तेरा वो यकीं कहीं मैं तो नहीं
लगता है यही क्यों मुझको बार बार हं हं हं
आते जाते हँसते गाते
सोचा था मैं ने मन में कई बार
होंठों की कली कुछ और खिली
ये दिल पे हुआ है किसका इख़्तियार
हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ
हाँ हाँ हाँ हाँ( वो ओ वो ओ)