Soone Shaam Savere

Javed Akhtar

ओ हो
ओ ओ ओ ओ
हो हो हो हो हो हो हो हो

सुने शाम सवेरे
तब से हैं मेरे
जब से गए तुम
सुने शाम सवेरे
तब से हैं मेरे
जब से गए तुम
सुबहो के यह उजाले
रातो से काले
तुम जो हुए गुम

राते लेके आये कितनी
यादो के गहरे साए
दिल को चाँदनी जलाये
तोह नींद कैसे आये हो
धड़कने भी थम गयी हैं
दिल जाने कबसे हैं गुमसुम
सुने शाम सवेरे
तब से हैं मेरे
जब से गए तुम
सुबहो के यह उजाले
रातो से काले
तुम जो हुए गुम

मंज़िल नहीं कोई जीसकी
ऐसा मुसाफिर हूँ मैं
देवी छोड़ गयी जिसको
इक ऐसा मंदिर हूँ मैं
मेरे आंसू फूल तेरे
मेरा लहूं तेरी कुमकुम
सुने शाम सवेरे
तब से हैं मेरे
जब से गए तुम
सुबहो के यह उजाले
रातो से काले
तुम जो हुए गुम
सुने शाम सवेरे
तब से हैं मेरे
जब से गए तुम

Curiosidades sobre a música Soone Shaam Savere de Amit Kumar

De quem é a composição da música “Soone Shaam Savere” de Amit Kumar?
A música “Soone Shaam Savere” de Amit Kumar foi composta por Javed Akhtar.

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