Beparwah Musafir
जख्मो की लौ पे सुलगता रहा
दर्द से रोता बिलखता रहा
जख्मो की लौ पे सुलगता रहा
दर्द से रोता बिलखता रहा
गिरता संभलता सोलो मैं जलता
बेखौफ चलता रहा
बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
वो बीता हुआ पल
जो याद आए हरपल
कैसे मैं भुलाओं उस पल को
गम जिद्द पे अड़ा था
मैं तन्हा खड़ा था
ओ मंजिल की धुन मैं जब कल को
गिरता संभलता सोलो मैं जलता
बेखौफ चलता रहा
बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
दिल आवारा बादल है थोड़ा सा पागल
मुश्किल है मनाना इस दिल को
दिल सदके मे तेरे है
ना बस मैं मेरे
ठुकरा के हर एक महफिल को
गिरता संभलता सोलो मैं जलता
बेखौफ चलता रहा
मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे (ओ ओ ओ ओ)
बेपरवाह मुसाफ़िर जोगिया वे (ओ ओ ओ ओ)
बेपरवाह बेपरवाह
बेपरवाह हो बेपरवाह
बेपरवाह बेपरवाह
बेपरवाह हो बेपरवाह