Mujhko Mana Lena
ऐसा ना हो जाना
कभी तुमसे रहूँ नाराज़
और अगर तुम तक
नहीं पहुंचे मेरे अल्फाज़
तुम मुझको मना लेना
हाँ तुम बस मुझको मना लेना
तुम मुझको मना लेना
हाँ तुम बस मुझको मना लेना
ऐसा ना हो जाना
कभी तुमसे रहूँ नाराज़
फिर है तुम्हें ये हक
वही देके मुझे आवाज़
तुम मुझको मना लेना
हाँ तुम बस मुझको मना लेना
तुम मुझको मना लेना
हाँ तुम बस मुझको मना लेना
ये दुनिया कुछ भी कहे
साथ अपना यूँ चलता रहे
बस इतनी सी ख्वाहिश है
इश्क मेरा तुम में बहता रहे
इसके सिवा कुछ नहीं
हो चाहे आसमान या ज़मीन
ऐसा ना हो जाना
कभी शाम ढले तुम बिन
और जो सुबह हो तो
लगे रूठा हुआ सा दिन
तुम मुझमे रहा करना
हाँ तुम बस मुझमे रहा करना
तुम मुझमे रहा करना
हाँ तुम बस मुझमे रहा करना
ये लम्हें कहने लगे
यूँ ही हम तुम अब मिलते रहे
मन का ऐसा मौसम हो
एक दूजे में जीते रहे
तेरा मेरा कुछ नहीं
हो चाहे दरमियाँ या कहीं
ऐसा ना हो जाना
कभी छोड़ के जाऊंगा
और जो कहूँ तुमसे ये
नहीं लौटके आऊंगा
तुम मुझको सता देना
हाँ तुम बस मुझको सता देना
तुम मुझको सता देना
हाँ तुम बस मुझको सता देना
तुम मुझको मना लेना
हाँ तुम बस मुझको मना लेना
तुम मुझको मना लेना (तुम मुझको मना लेना)
हाँ तुम तब मुझको मना लेना (हाँ तुम तब मुझको मना लेना)