Aur Hum Tum
परबातों पे बादलों की ज़ुलफ खुल गयी
ओवेयर जगमगाई शाख शाख धूल गयी
जागे नज़ारे, जागी बहारें
जागे ज़मीन आसमान
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
ठंडी हवायें, उजली फ़िज़ायें
माहेका हुआ यह समा
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
गाता है मौसम, गाते हैं पांच्ची
गाती हैं यह वादियाँ
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
फूल को कोई किरण जो चूमने लगी
ज़िंदगी बहार बनके झूमने लगी
फूल को कोई किरण जो चूमने लगी
ज़िंदगी बहार बनके झूमने लगी
राहों में रंगों और खुश्बुओं के
निकले हसीन कारवाँ
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
ठंडी हवायें, उजली फ़िज़ायें
माहेका हुआ यह समा
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
हो गयी है रेशमी यह नर्म रोशनी
साँस में घुला हुआ है गीत सा कोई
हो गयी है रेशमी यह नर्म रोशनी
साँस में घुला हुआ है गीत सा कोई
खोई दिशायें, खोई हैं राहें
खोए है सारे निशान
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
ठंडी हवायें, उजली फ़िज़ायें
माहेका हुआ यह समा
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम
गाता है मौसम, गाते हैं पांच्ची
गाती हैं यह वादियाँ
और हम तुम, और हम तुम, और हम तुम.