Kya Maine Preet Mein Paya
BHARAT VYAS, SATISH BHATIA
कैसी ये उलझन कैसी पहेली प्यार की
ये कैसे रहे जब माँगे मुस्कान तो हाए मिलती है ठंडी आहें
क्या मैने प्रीत मे पाया
नैनो का चैन आया
जानेवाले बेदर्दी से क्यो इस दिल को लगाया
क्या मैने प्रीत मे पाया
जो मैं जानती और ये पहचानती
जो मैं जानती और ये पहचानती
मेरे दिल दीवाने को क्यू मैं अपना मनती आ आ
क्या मैने प्रीत मे पाया
नैनो का चैन आया
जानेवाले बेदर्दी से क्यो इस दिल को लगाया
क्या मैने प्रीत मे पाया
क्या मेरी है ख़ता कोई तो दे बता
क्या मेरी है ख़ता कोई तो दे बता
उनको ही माना मैने प्राणो का देवता
हो ओ क्या मैने प्रीत मे पाया
नैनो का चैन आया
जानेवाले बेदर्दी से क्यो इस दिल को लगाया
क्या मैने प्रीत मे पाया