Devta Raham Kar Rootha Hai Dilbar
Anand Bakshi
देवता रहम कर रूठा हैं दिलबर
आओ ना सितमगर मैं जागी रात रात भर
देवता रहम कर रूठा हैं दिलबर
आओ ना सितमगर मैं जागी रात रात भर
मांगू मैं रोज़ दुआए उसको भी लोग सताए
उसको हो खबर क्या हैं दर्दे जिगर
कहे उसकी भी नज़र मैं जागी रात रात भर
देवता रहम कर रूठा हैं दिलबर
आओ ना सितमगर मैं जागी रात रात भर
जो उसके नाम लगाऊ सौ इल्ज़ाम लगाऊ
किए वादे मगर वो गया हैं मुकर
इसी गम मे अक्सर मैं जागी रात रात भर
देवता रहम कर रूठा हैं दिलबर
आओ ना सितमगर मैं जागी रात रात भर
कोई बहाना बना दे रूठे सनम को मना दे
कभी डाले नज़र मेरी हालत पर
आई निंदिया मगर मैं जागी रात रात भर
देवता रहम कर रूठा हैं दिलबर
आओ ना सितमगर मैं जागी रात रात भर