Maine Dil Se Kaha
M M Kreem, Nilesh Mishra
बेचारा कहाँ जानता है
खलिश है ये, क्या खला है
शहर भर की खुशी से
ये दर्द मेरा भला है
जश्न अब रास ना आये
मजा तो बस गम में आया है
मैंने दिल से कहा ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम
तो ये गम ही सही
कभी है इश्क का उजाला
कभी है मौत का अँधेरा
बताओ कौन भेष होगा
मैं जोगी बनू या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के
ना जाने कौन सा मेरा
मैंने दिल से कहा ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम
तो ये गम ही सही
मैंने दिल से कहा ढून्ढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम
तो ये गम ही सही