Jab Koi Baat [Recreated]
NAGRATH RAJESH ROSHAN, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR, SOHAM NAIK
हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अन्धेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अन्धेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
ना कोई है ना कोई था ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तो कसमें
एक भी साँस ज़िन्दगी की जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तो कसमें
एक भी साँस ज़िन्दगी की जब तक हो अपने बस में
ना कोई है ना कोई था ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज़