Jaadu Hai Nasha Hai
M.M. KAREEM, NEELESH MISHRA
ये पल है अपना
तो इस पल को जी ले
शोलों की तरहा
ज़रा जल के जी ले
पल झपकते
खो न जाना
छू के कर लूँ यकीं
न जाने पल ये पाये कहाँ
जादू है नशा है
मदहोशियाँ
तुझको भूला के
अब जाऊँ कहाँ
बाहों में तेरी
यूँ खो गए हैं
अरमां दबे से
जगने लगे हैं
जो मिले हो
आज हमको
दूर जाना नहीं
मिटा दो सारी ये दूरीयाँ
जादू है नशा है
मदहोशियाँ
तुझको भूला के
अब जाऊँ कहाँ
देखती हैं
जिस तरह से
तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को
छुपाऊँ कहाँ